Rumored Buzz on Shodashi

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

The practice of Shodashi Sadhana is really a journey toward the two pleasure and moksha, reflecting the twin nature of her blessings.

ह्रीं‍मन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या

The noose represents attachment, the goad represents repulsion, the sugarcane bow signifies the intellect as well as arrows are the 5 sense objects.

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

The Goddess's victories are celebrated as symbols of the last word triumph of fine over evil, more info reinforcing the ethical material from the universe.

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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